आदिवासी अंचल से हुआ शैक्षिक गुणवत्ता की मॉनिटरिंग के प्रोजेक्ट का आगाजयूनिसेफ के सहयोग से प्रशासन की पहल....अब निरीक्षण प्रपत्र से नहीं टेबलेट से होगी मॉनिटरिंग
डूंगरपुर, 13 अक्टूबर/आदिवासी अंचल के विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन की पहल के रूप में सोमवार को एक राज्य स्तरीय पायलट प्रोजेक्ट का आगाज हुआ। शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े इस अंचल के शैक्षिक उन्नयन उद्देश्य से यूनिसेफ के सहयोग से लागू हुए इस प्रोजेक्ट के तहत शिक्षाधिकारियों द्वारा निरीक्षण प्रपत्रों के स्थान पर टेबलेट के उपयोग से ऑनलाईन फार्मेट में विद्यालय की आवश्यकताओं और समस्याओं के संबंध में सूचनाओं को दर्ज करते हुए ऑन द स्पाट सपोर्ट प्रदान किया जाएगा।
मॉनिटरिंग की अनूठी पहल:
जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, डाईट और यूनिसेफ के तत्वावधान में तैयार किए गए इस प्रोजेक्ट का नाम ‘इफेक्टिव मॉनिटरिंग एण्ड सपोर्ट सिस्टम’ है राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद् एवं यूनिसेफ की ओर से प्रथम चरण में इस प्रोजेक्ट को डूंगरपुर जिले के आसपुर एवं सागवाड़ा ब्लॉक में लागू किया गया है। प्रोजेक्ट के सफल होने पर इसे संपूर्ण राजस्थान में अमल में लाया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत जिले के दोनों ब्लॉक और संबंधित जिला स्तर के कुल 16 अधिकारियों को यूनिसेफ के सहयोग से टेबलेट मुहैया करवाए गए है। इन टेबलेट्स में रीडिंग कैंपेन, सीसीई, शिक्षा संबलन, आरटीई सहित विद्यालयों की मॉनिटरिंग में प्रयुक्त हेाने वाले प्रपत्रों को ऑफलाईन उपलब्ध कराया गया है वहीं अधिकारी इंटरनेट कनेक्टिविटी प्राप्त होने पर ऑनलाईन भी इन सूचनाओं को मौके से ही भर सकेंगे। अधिकारी अवलोकन दौरान विद्यालय में उपलब्ध भौतिक साधन सुविधाओं, अनुदानों की स्थिति, बच्चों के शैक्षिक स्तर और अन्य समस्याओं के संबंध में जानकारियां दर्ज करेंगे। ऑफलाईन दर्ज की जाने वाली जानकारियां भी इंटरनेट कनेक्टिविटी प्राप्त होते ही ऑनलाईन अपडेट हो जाएंगी। इससे कुछ ही क्षणों में सूचनाओं का संप्रेषण हो जाएगा जिसकी किसी भी स्तर पर मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
आईसीटी का प्रभावी उपयोग: कलक्टर
सोमवार को यहां जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रोजेक्ट के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा कि आईसीटी (सूचना संचार तकनीक) के सहयोग से सरकारी कामकाज की एमआईएस से मॉनिटरिंग का कार्य महात्मा गांधी नरेगा में भी हो रहा है परंतु इस सिस्टम का शिक्षा विभाग में पहली बार सफल प्रयोग हो रहा है क्योंकि यही एक ऐसा माध्यम है जहां पर फिल्ड से ही सीधे ऑनलाईन सूचनाओं को दर्ज किया जाएगा। सूचनाओं के मौके पर ही दर्ज किए जाने से सूचनाओं में शुद्धता प्राप्त होगी वहीं खुद निरीक्षणकर्त्ता के स्तर पर सूचना दर्ज होने से वास्तविक सूचना दर्ज होगी व त्रुटियों की संभावना न्यूनतम रहेगी। कलक्टर सिंह ने इस पहल को गंभीरता से लेने और इसको सफल बनाने के लिए समर्पित प्रयास करने के लिए शिक्षाधिकारियों से आह्वान किया। कलक्टर ने कहा कि यह उत्तरदायित्व नहीं अपितु शिक्षाधिकारियों को दिया जा रहा सपोर्ट है अतः वे इसे पूरे उत्साह से अमल में लावे और प्रतिमाह आयोजित होने वाली बैठक में इसके प्रयोग दौरान प्राप्त होने वाले अनुभवों व समस्याओं के बारे में चर्चा करे। कलक्टर ने टेबलेट के पूरे-पूरे उपयोग करने का भी आह्वान किया और कहा कि अधिकारियों के सहयोग से ही इस प्रोजेक्ट की सफलता संभव है।
सौंपे टेबलेट, दिया प्रशिक्षण:
समारेाह में जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने दोनों ब्लॉकों के अधिकारियों को टेबलेट सौंपे और बधाईयां दी। इस मौके पर सीसीई राज्य सलाहकार साशाप्रियो एवं विक्रम श्रीवास्तव एमआईएस राजस्थान शिक्षा परिषद जयपुर द्वारा टेबलेट पीसी का उपयोग करते हुए ऑनलाईन मॉनिटरिंग प्रपत्र, डाटा एकत्रीकरण और विश्लेषण के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने शिक्षाधिकारियों को टेबलेट का अधिकाधिक ऑनलाईन उपयोग करने का आह्वान किया और बताया कि राज्य स्तर से समस्त शिक्षाधिकारियों के इस प्रोजेक्ट के संबंध में ईमेल अकाउंट तैयार किए जा रहे है और मॉनिटरिंग के लिए अन्य एप्स को भी विकसित करते हुए इंस्टाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे शिक्षकों को आवश्यक तद्स्थलीय मार्गदर्शन प्रदान किये जाने में मदद मिलेगी और सरकार के गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।
इन्होंने भी दिया संबोधन:
समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए जिला परिषद सीईओ अनुराग भार्गव ने कहा कि साधन सुविधाओं से पिछड़े जनजाति अंचल में समस्याएं है तो कार्य करने की अपार संभावनाएं और यूनिसेफ जैसे संस्थान का सहयोग भी। उन्होंने इस प्रकार की स्थितियों में शिक्षाधिकारियों को अपने अनुभवों का लाभ उठाते हुए इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने का आह्वान किया। इस मौके पर डाईट प्रधानाचार्य आभा मेहता तथा यूनिसेफ जिला सलाहकार बाल-मित्र विद्यालय चन्द्रशेखर दुबे ने जिले में शैक्षिक उन्नयन की दृष्टि से की गई पहल के बारे में विस्तार से जानकारी दी और शिक्षाधिकारियों को इसके उद्देश्यों के बारे मंे विस्तार से जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षण कार्यशाला में यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिंधु बिनुजीत, सर्वशिक्षा अभियान के एडीपीसी करूणाशंकर जोशी सहित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, एसएसए, डाइट के शिक्षा अधिकारी एवं ब्लॉक आसपुर व सागवाड़ा के बीईईओ, एबीईईओ व आरपी उपस्थित थे। समारोह का संचालन मीनाक्षी जोशी ने किया।
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फोटो केप्शन: . डूंगरपुर/शैक्षिक गुणवत्ता के लिए प्रोजेक्ट के शुभारंभ समारोह में टेबलेट के साथ हाईटेक शिक्षाधिकारियों की टीम।
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