Wednesday, August 27, 2014

27-08-2014 समाचार



जिले में पौधरोपण के प्रति व्यापक उत्साह
दो नदी नर्सरी पर पचास हजार से अधिक पौधों की रिकार्ड बिक्री 
 

डूंगरपुर, 27 अगस्त/जिले में मानसून के सक्रिय होने के बाद पौधरोपण के प्रति आमजन में व्यापक उत्साह है और जिले में वन विभाग की विभिन्न नर्सरियों पर रिकार्ड संख्या में पौधों की बिक्री पाई गई है। 
जिला मुख्यालय के समीप ही दो नदी नर्सरी पर इस मानसून वर्ष में अब तक पचास हजार से अधिक पौधों की रिकार्ड बिक्री दर्ज की गई है। दो नदी नर्सरी प्रभारी एवं वनपाल मोहम्मद इकबाल ने बताया कि इस मानसून सत्र में दो नदी नर्सरी पर विभिन्न प्रजातियों के कुल 98 हजार 719 पौधे तैयार किए गए थे जिसमें से अब तक 50 हजार से अधिक पौधों की बिक्री की जा चुकी है। इन दिनों बड़ी संख्या में लोग पौधे प्राप्त करने के लिए आ रहे हैं। अधिकांश पौधे विद्यालयों के साथ काश्तकारों और आमलोगों द्वारा लिए जा रहे हैं।   

बाजार दर से सस्ते मिल रहे हैं पौधे: 

नर्सरी पर नियुक्त युवा वन रक्षक जयेन्द्रसिंह चौहान ने बताया कि दो नदी नर्सरी पर सभी प्रजातियों के पौधे उपलब्ध है और इन्हें बाजार की किसी भी निजी नर्सरी की अपेक्षा न्यूनतम दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। पौधों की किमत उनकी ऊचाई के अनुपात में है जो 5 रुपये से लेकर 70 रुपये तक है। उन्होंने बताया कि नर्सरी पर फिलहाल गार्डन प्लांट में क्रोटोन, गोल्डन हेज, मनीप्लांट, लेगस्टोनिया, कोड़िया, मोलश्री, सप्तपर्णी, बोगनवेलिया, मेलण्डा, छुईमुई, रबर प्लांट, कनेर के साथ ही फलदार पौधों में आम, अनार, सीताफल, जामुन तथा अन्य पौधों में मीठा नीम, सागवान, अर्जुन, बिल्व पत्र, रूद्राक्ष, अरीठा, हवन, आंवला, बांस इत्यादि पौधों की सहज उपलब्धता है।   
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फोटो केप्शन: डूंगरपुर/दो नदी नर्सरी पर कार में रखकर पौधे ले जाता एक पर्यावरण प्रेमी। 
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सितंबर माह में कलक्टर की 4 रात्रि चौपालें 

डूंगरपुर, 27 अगस्त/जनसमस्याआंे के त्वरित निस्तारण के लिए आयोजित हो रही जिला कलक्टर की रात्रि चौपालों की श्रृंखला में सितंबर माह में 4 रात्रि चौपालें आयोजित होंगी। 
जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि 3 सितंबर को बिछीवाड़ा पंचायत समिति के आमझरा में, 10 सितंबर को आसपुर पंचायत समिति के पचलासा छोटा में, 17 सितंबर को सीमलवाड़ा पंचायत समिति के बड़गामा में तथा 23 सितंबर को सागवाड़ा ंपचायत समिति के गामड़ा ब्राह्मणिया गांव में रात्रि चौपाल आयोजित होगी। सभी रात्रि चौपालें संबंधित गांव के माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित होंगी। उन्होंने समस्त संबंधित अधिकारियों को अपेक्षित सूचनाओं के साथ रात्रि चौपाल में उपस्थित होने को निर्देशित किया है। 

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सतर्कता समिति की बैठक 29 को

डूंगरपुर, 27 अगस्त/जिला जन अभाव अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक 29 अगस्त को जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित होगी। 
अतिरिक्त कलक्टर अशोक कुमार ने बताया कि बैठक दोपहर 12.30 बजे ईडीपी सभागार में आयोजित की जाएगी। 

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घायल को मुख्यमंत्री कोष से आर्थिक सहायता स्वीकृत

डूंगरपुर, 27 अगस्त/मुख्यमंत्री सहायता कोष से जिले के एक घायल को आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।
जिला कलक्टर (आपदा प्रबंधन एवं सहायता) इंद्रजीत सिंह ने बताया कि सीमलवाड़ा तहसील क्षेत्र के बांसिया निवासी भगवतीलाल यादव को सड़क दुर्घटना में घायल होने पर दस हजार रुपयों की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है। 

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काजरी की ओर से तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
जनजातीय समुदाय की आजीविका में सुधार विषय पर काश्तकारों को दिया प्रशिक्षण
 

 डूंगरपुर, 27 अगस्त/केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) जोधपुर द्वारा जनजाति उपयोजना क्षेत्र के अन्तर्गत काश्तकारों के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, फलोज में आयोजित ‘एकीकृत संसाधन प्रबन्धन द्वारा जनजातीय समुदाय की आजीविका में सुधार‘ विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हुआ। 
समापन समारोह के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. महेश कुमार गौड़ ने बताया कि जलग्रहण प्रबंधन एक प्रोएक्टिव एप्रोच है जिसमें भूमि उपयोग और जल प्रबंधन के समग्र डिसीजन्स के कारण जल संसाधनों को संरक्षित किया जाता है और समुदायों को  अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित करने में सहायता करता हैं। जलग्रहण विकास एक सर्वांगीण विकास का मोडल है जिसमें वन, नम भूमि, तटीय संसाधन, कृषि के लेण्डस्केप, अनेकानेक पारिस्थितिक तंत्रों इत्यादि को मैनेज किया जाता है। जलग्रहण को संरक्षित करने का सीधा अनुकूल प्रभाव पर्यावरण पर होता हैं। मानवीय कार्यों के फलस्वरूप जलग्रहण का विनाश और अवनयन होता है, उसकी उत्पादकता में कमी आती है, जो दीर्घकाल में आमजन को ही प्रभावित करता है।
अपने संबोधन में काजरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार गोयल ने बताया कि उबड़-खाबड़ जमीन पर वर्षा जल का वितरण कहीं आवश्यकता से अधिक तो कहीं पर आवश्यकता से कम होता हैं। ये दोनो ही स्थितियाँ फसल उत्पादन के लिए प्रतिकूल है। खेत के समतलीकरण द्वारा वर्षा जल का वितरण की इस असमानता को दूर किया जा सकता है। साथ ही जिन बड़े खेतों का अधिक ढलान के कारण समतलीकरण संभव नहीं हैं वहाँ ढलान के अभिलम्ब दिशा में मिट्टी के समोच्च अवरोध बनाकर वर्षा जल के बहाव व मृदा क्षरण को रोका जा सकता हैं। पानी के बहाव के मार्ग में इन अवरोधों के होने के कारण पानी को भूमि में रिसने के लिए अधिक समय मिलता हैं व खेत में एक समान नमी बनी रहने से अच्छी फसल ली जा सकती हैं।
इस मौके पर काजरी के वरिष्ठ मृदा वैज्ञानिक डॉ. पी. राजा ने बताया कि मृदा का अपघटन कृषकों द्वारा इसके कुप्रबंधन के परिणामस्वरूप होता हैं। इसके लिये मिट्टी की उपरी परत में पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं जो वायु और जल की कार्यों के फलस्वरूप इन पोषक तत्वांे का क्षरण होने से मिट्टी की उर्वरता में कमी आती हैं जो शनैः-शनैः कम होकर भूमि को बंजर बना देती है। इसके लिये सभी किसान भाईयों को अपने खेत की मिट्टी को समय-समय पर जाँच करवाते रहने से उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा समय रहते आवश्यक उपचार कर सकते हैं।
विषय विशेषज्ञ श्रीमती सुमित्रा मीणा ने कम लागत मूल्य में पौष्टिक व्यंजन बनाने के बारे में बताया और विटामिन व खनिज लवणों की कमी से होने वाले रोगों से बचाव तथा विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों के बारें में जानकारी प्रदान की।
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक परबत सिंह राठौड़ ने जिले में सौर ऊर्जा की महत्ता और संभावनाओं के बारे में बताया कि यह पर्यावरण का मित्र है और इससे पर्यावरण का हृास नहीं होता हैं व प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी उपयोगी हैं। उन्होने बैंक द्वारा किसानांे के लिए संचालित परियोजनाओं के बारें में जानकारी दी।  
वैज्ञानिक डा. सी.एम.बलाई ने जैविक खेती के बारें में बताया और काश्तकारों को केंचुआ खाद निर्माण के बारे में प्रशिक्षण दिया तथा कहा कि रासायनिक खाद के अंधाधंुध प्रयोग से मृदा की क्षीण भौतिक संरचना को सुधारने के लिऐ केंचुआ खाद अत्यधिक उपयुक्त हैं। 
प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम वेरणीया के काश्तकारों को उन्नत किस्म के आम के 500 से अधिक पौधों का वितरण किया गया।  
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फोटो केप्शन: डूंगरपुर/तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते अग्रणी बैंक प्रबंधक परबतसिंह राठौड़।
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भामाशाह योजना
डूंगरपुर में भामाशाह योजना के नामांकन शिविरों का संशोधित कार्यक्रम जारी

डूंगरपुर, 27 अगस्त/जिले में भामाशाह योजना के तहत डूंगरपुर उपखण्ड क्षेत्र के लिए नामांकन शिविरों का संशोधित कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गया है। 
डूंगरपुर उपखण्ड अधिकारी दीपेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार 1 सितंबर से प्रारंभ होने वाले इन शिविरों में पात्र व्यक्तियों की पहचान करने एवं प्रमाणित करने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव एवं पटवारी को शिविरों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को पाबंद किया गया है। समस्त शिविरों का आयोजन ग्राम पंचायत के राजीव गांधी सेवा केन्द्रों में सुबह 8 से सायं 8 बजे तक होगा। 
उन्होंने बताया कि पंचायत समिति डूंगरपुर के तहत 1 व 2 सितम्बर को बिलडी में, 8 व 9 सितम्बर को मेताली में, 15 व 16 सितम्बर को माथु गामडा खास में, 23 व 24 सितम्बर को माथु गामडा पाल में, 29 व 30 सितम्बर को गडामोरैया में, 9 व 10 अक्टूबर को पीपलादा में, 17 व 18 अक्टूबर को खेडा कच्छवासा में, 27 व 28 अक्टूबर को सिदडी खेरवाडा में, 7 व 8 नवम्बर को आंतरी में, 14 व 15 नवम्बर को कंहारी में, 19 व 20 नवम्बर को वलोता में 24 व 25 नवम्बर को माण्डवा में, 1 व 2 दिसम्बर को आसेला में 8 व 9 दिसम्बर को हिराता में, 15 व 16 दिसम्बर को लोलकपुर में, 22 व 23 दिसम्बर को डोजा में 29 व 30 दिसम्बर को फलोज में, 5 व 6 जनवरी 2015 को बस्सी में, 12 व 13 जनवरी को पुनाली में, 16 व 17 जनवरी को खेमपुर में, 19 व 20 जनवरी को दामडी में, 22 व 23 जनवरी को हथाई में, 27 व 28 जनवरी को भोजातो का ओडा में, 30 व 31 जनवरी को कोलखण्डा में, 2 व 3 फरवरी को पाल माण्डव में 5 व 6 फरवरी को रागेला में, 9 व 10 फरवरी को धावडी मे एवं 12 व 13 फरवरी को रघनाथपुरा में नामांकन शिविर आयोजित होगा।    
इसी प्रकार डूंगरपुर उपखण्ड क्षेत्र अधीन पंचायत समिति बिछीवाड़ा के तहत 5 व 6 सितम्बर को रेंटा में, 11 व 12 सितम्बर को गैंजी में, 18 व 19 सितम्बर को विकास नगर में, 26 व 27 सितम्बर को महूडी में, 7 व 8 अक्टूबर को कांकरादरा में, 13 व 14 अक्टूबर को थाणा में, 20 व 21 अक्टूबर को बलवाडा में, 30 व 31 अक्टूबर को सुरपुर में 10 व 11 नवम्बर को माडा में, 17 व 18 नवम्बर को सुन्दरपुर में, 21 व 22 नवम्बर को घुघरा में, 27 व 28 नवम्बर को गुमानपुरा में, 5 व 6 दिसम्बर को गामडी देवल में, 12 व 13 दिसम्बर को पालवडा में, 19 व 20 दिसम्बर को देवलखास में, 26 व 27 दिसम्बर को देवलपाल में, 1 व 2 जनवरी 2015 को सती रामपुर में एवं 8 व 9 जनवरी को वागदरी में नामांकन शिविर का आयोजन किया जाएगा। 

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‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ का जिला स्तरीय शुभारंभ आज

डूंगरपुर, 27 अगस्त/प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंन्त्रता दिवस पर घोषित ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ के गुरुवार को देशव्यापी शुभारंभ के साथ ही जिला स्तरीय शुभारंभ भी किया जाएगा। 
अग्रणी बैंक प्रबंधक परबतसिंह राठौड़ ने बताया कि डूंगरपुर जिले में बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्वावधान में इस योजना का शुभारंभ गुरुवार सायं 4 बजे फूड प्लाजा होटल परिसर में समारोहपूर्वक किया जाएगा। शुभारंभ समारेाह के मुख्य अतिथि जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह होंगे जबकि बतौर विशिष्ट अतिथि बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद मानशंकर निनामा, डूंगरपुर विधायक देवेन्द्र कटारा, सागवाड़ा विधायक श्रीमती अनिता कटारा, आसपुर विधायक गोपीचन्द मीणा, चौरासी विधायक सुशील कटारा मौजूद रहेंगे।  

खुलेगा जीरो बेलेंस पर बैंक खाता: 

राठौड़ ने बताया कि योजना का उद्देश्य प्रत्येक परिवार को बैंक से जोड़ना है और प्रत्येक परिवार में से कम से कम एम सदस्य का बैंक में जीरो बेलंेस में खाता खोला जाएगा।  इस खाते में ‘रुपे डेबिट कार्ड’ निःशुल्क जारी किया जायेगा जिससे 1 लाख रुपये तक का निःशुल्क दुर्घटना बीमा उपलब्ध होगा। इस खाते को आधार कार्ड से जोड़ कर सरकारी योजनाओं की राशि सीधे इसमें जमा की जायेगी। साथ ही 6 माह तक इस खाते के सन्तोषजनक परिचालन के बाद ओवर ड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

बैंक खाता खोलने के ये दस्तावेज होंगे आवश्यक:

राठौड़ ने बताया कि आधार कार्ड या आधार नम्बर है तो किसी भी अन्य प्रमाण की आवश्यकता नहीं है और अगर पता बदल गया है तो अपने वर्तमान पते को स्वयं के द्वारा प्रमाणित करके देना आवश्यक है। अगर आधार कार्ड नहीं है तो मतदान पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, प्राधिकृत जन प्राधिकारी अथवा लोक सेवक व सरपंच द्वारा जारी पत्र में से कोई एक अन्यथा पहचान के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान का पहचान पत्र, नरेगा में जारी जॉबकार्ड व पते के लिए  बिजली या टेलिफोन बिल, जन्म या विवाह का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।   उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनके लिए श्वििरांे में आधार कार्ड बनाने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। खाता खोलने के लिए व्यक्ति को अपनी नजदीकी बैंक शाखा, शिविर या बैंक मित्र से संपर्क करना होगा।  
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